महिलाएँ यदि अपने मुख का नैसर्गिक सौंदर्य एवं रक्तिमा (लालिमा) बढ़ाना चाहती हैं, तो उन्हें नियमित रूप से पालक के रस का सेवन करना चाहिए।
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महिला वर्ग का चर्म परिधान शुक्र-चन्द्र एवं मंगल की परतों से बना होता है अर्थात् कोमलता तेज, रक्तिमा एवं सौन्दर्य का सम्मिश्रण ही उसकी विशेष आकर्षण शक्ति होती है।
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आज क्या होगा? ' वो ' क्या कहेगा? क्या उसे छुएगा?? उई माँ...! सोचके उसके कपोलों पे रक्तिमा छा गयी.... अपना चेहरा उसने ढँक लिया....
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९) गुप्त अंग को निम्बू मिले पानी से धोना भी एक अच्छा उपाय है फिटकरी का पावडर पानी में पेस्ट बनाकर योनी पर लगाने से खुजली और रक्तिमा में फायदा होता है।
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' चिलचिला रही हैं सड़कें व धूल है चेहरे पर चिलचिला रहा बेशर्म दलिद्दर भीतर का पर, सेमल का ऊँचा-ऊँचा वह पेड़ रूचिर संपन्न लाल फूलों को लेकर खड़ा हुआ रक्तिमा प्रकाशित करता-सा वह गहन प्रेम उसका कपास रेशम-कोमल।
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मेरे जन्म के साथ तुम उदित हुई थी आशा, उत्साह की रक्तिमा से तुम भीगी हुई थी मेरी वृद्धि दर वृद्धि परवरिश की आवश्यकता से तुम दहकती गई त्याग, क्षोभ की प्रचंडता, प्रखरता से तुम तपती गई और फिर ……
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इन राक्षसी तस् वीरों को देखकर वह राक्षसों को पहचानना सीखें और सीखें उनके आक्रमणों से अपने फूले-फूले गुलाबी गालों को रक्षित रखना, अपने अधर-पल् लवों की रक्तिमा को महफ़ूज रखना और हृदय की पवित्रता को साधारण प्रलोभनों से अधिक महत् व देना।
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लौह तत्व की कमी से जो रक्ताल्पता अथवा रक्त में स्थित रक्तकणों की न्यूनता होती है, उसका तात्कालिक प्रभाव मुख पर विशेषतः ओष्ठ, नासिका, कपोल, कर्ण एवं नेत्र पर पड़ता है, जिससे मुख की रक्तिमा एवं कांति विलुप्त हो जाती है।
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जवाब में लड़के ने घंटी बजा दी बारिश होने लगी, प्यार ने नदी को शांत कर दिया उसकी रक्तिमा नीले में बदल गई मछलियाँ वापस आ गईं नदी किनारे के पेड़ों में फूटने लगीं आगामी कोपलें घड़ियाँ फिर से चलने लगीं यों, शुरू हुआ मनुष्यता का इतिहास
20.
जैसे-जैसे मैं जीवन के सोपान चढ़ती गई तुम भी प्रचंडता की पीत ज्वाला से सिंदूरी आभा में पुनः रंगती गई मेरे मंजिल पाने के सोपान पर तुम उसी रक्तिमा से भीगी हुई थी जो थी तुम्हारे गर्व की, आत्मसम्मान की अपने परवरिश के आत्मविश्वास की. …….