चौपाल लगाकर जनजागरणः-श्री अशोक बजाज ने जल संरक्षण के लिए चौपाल लगाने की योजना बनाई तथा दिनांक अप्रैल 2009 से इसकी षुरूआत ग्राम मुडरा (रवेली) विकासखण्ड अभनुपर से की ।
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बुलवाराम, ठाकुरराम, बोड़रा जैसे महान नाचा कलाकारों को एक जगह रिंगनी रवेली साज के मंच पर एकत्र कर मदराजी दाऊ ने नाचा का वो रिंगनी रवेली साज खड़ा किया कि छत्तीसगढ़ दीवाना हो गया ।
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बुलवाराम, ठाकुरराम, बोड़रा जैसे महान नाचा कलाकारों को एक जगह रिंगनी रवेली साज के मंच पर एकत्र कर मदराजी दाऊ ने नाचा का वो रिंगनी रवेली साज खड़ा किया कि छत्तीसगढ़ दीवाना हो गया ।
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मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा वहां बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए ग्राम रवेली के प्राथमिक शाला में राहत शिविर खोला गया है, जहां भर्रेगांव और तोरनकट्टा के 14 परिवारों के लगभग 45 लोगों को ठहराया गया है।
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आईएपी योजना के तहत कवर्धा विकासखंड में सीसी रोड़ निर्माण ग्राम घुघरीकला, मैनपुरी, घिरघोसा, धरमपुरा, रवेली, अमलीडीह, केसली, जोगीपुर, मोहगांव, नेवारी, सिंघनपुरी, अमलीडीह, बम्हनी, छांटा झा, छिरहा, डेहरी, धमकी, खैरवार, दारगंवा, गदहाभाठा, तमरूवा व ग्राम नवापारा मे सीमेंट कांक्रीट सडक़ निर्माण की स्वीकृति दी गयी है।
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आसपास ऐसे कुछ अन् य तीर्थ हैं-पद्मभूषण तीजनबाई का गांव गनियारी, बिसंभर यादव मरहा और दाउ रामचंद्र देशमुख का बघेरा, देवदास बंजारे का धनोरा, दाउ महासिंग चंद्राकर का मतवारी, फिदाबाई का सोमनी, झाड़ूराम देवांगन का बासिन, पद्मश्री पूनाराम निषाद और भुलवाराम का रिंगनी और खड़े साज नाचा का जोड़ा गांव दाउ मंदराजी का रवेली, देवार कलाकारों का डेरा, दुर्ग का सिकोलाभांठा, पचरीपारा, दुर्ग वाले गुरुदत् त-परदेसी (राम बेलचंदन) और दुर्ग के शहरी आगोश में समाया, लेकिन विलीन होने से बचा गांव पोटिया।