किसान की आमदनी एवं रोजगार बढाने तथा कृषि एवं पशुपालन विकास की रणनीति बनाने के लिए राष्ट्रीय कृषि आयोग के अध्यक्ष एवं विश्व विख्यात कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया गया।
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राष्ट्रीय कृषि आयोग के अध्यक्ष डॉ० स्वामीनाथन के अध्यक्षता में गठित समति के सिफारिशों पर सरकार द्वारा अब तक कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई, उसकी यह अकर्मण्यता कृषि और किसानों के बारे में उपेक्षा नीति को उजागर करता है।
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सीडब्लयूसी के १९७८ में स्थापित भूतपूर्व सूखाक्षेत्र अध्ययन और अन्वेषण संगठन ने और आगे अध्ययन करने के उद्देश्य से सिंचाई आयोग और साथ ही राष्ट्रीय कृषि आयोग द्वारा अभिज्ञात जिलों की सूची पर विचार करने के बाद ९९ जिलों के साथ शुरूआत की।
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भूमि क्षरण का आकलन मुख्य रूप से राष्ट्रीय कृषि आयोग (1976), बंजर भूमि विकास संवर्धन सोसायटी (1984), राष्ट्रीय दर संवेदी एजेंसी (1985), कृषि मंत्रालय (1985) और राष्ट्रीय भूमि सर्वे और भूमि उपयोग ब्यूरो (1984 तथा 2005) ने किया।