और मेरी माँ द्वारा यह रीति रिवाजी आयटम मुगली घुट्टी 555 की तरह साल में कई कई बार अनंत चौदस ।
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गंगी का विद्रोही दिल रिवाजी पाबंदियों और मजबूरियों पर चोटें करने लगा-हम क्यों नीच हैं और ये लोग क्यों ऊचें हैं?
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गंगी का विद्रोही दिल रिवाजी पाबंदियों और मजबूरियों पर चोटें करने लगा-‘हम क्यों नीच हैं और ये लोग क्यों ऊचें हैं?
14.
आदत, विवरण, स्मृति और कहानी के लिहाज से दिन को चार रिवाजी हिस्सों में बांटना ठीक लगा: सुबह, दोपहर, शाम और रात।
15.
ख-हर जाति या उप जाति अपने सामाजिक रस्मों रिवाजी जीवन के संबंध में अपनी विशिष्ट पद्धतियां, शैलियां, रूप व परम्पराएं अपनाती हैं।
16.
यदि आप स्मृतिचिन्ह लेने की सोच रहे हैं, तो आप जलरोधक जंगली हिंताल (एक प्रकार का ताड़ का पेड़) के पत्तों से बनी खुंबीयु रिवाजी बाँस की टोपी खरीद सकते हैं।
17.
जहाँ तक मेरी बात है, मैं इस वक्त (जिसे मैंने ' सुबह ' कहा है) को कैसे गुजारता था? आदत, विवरण, स्मृति और कहानी के लिहाज से दिन को चार रिवाजी हिस्सों में बाँटना ठीक लगा: सुबह, दोपहर, शाम और रात।