(क) एक कर्मचारी जो रोजगार चोट या व्यावसायिक चोट से पीड़ित है और कार्य करने के लिए अस्थायी असमर्थता के लिए प्रमाणित है, को अस्थायी अपंगता हितलाभ देय है ।
12.
(क) एक बीमाकृत व्यक्ति, जो रोजगार चोट (व्यावसायिक रोग सहित) के परिणामस्वरूप और अर्जन क्षमता की हानि के परिणामस्वरूप स्थायी अशिष्ट अपंगता से पीड़ित है, को स्थायी अपंगता हितलाभ देय होगा ।
13.
के उपबंध 6 (क) के साथ पठित धारा 52 के अनुसार जिन मामलों में रोजगार चोट के परिणामस्परूप बीमाकृत व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है उसके आश्रितजनों को आश्रितजन हितलाभ देय होगा ।
14.
बीमाकृत व्यक्ति जो रोजगार चोट के कारण शारीरिक अपंगता से ग्रस्त हैं, उन्हें कृत्रिम उपकरणों या अन्य शारीरिक सहायक वस्तुऍं जैसे पहिएदार कुर्सी, बैशाखी, नकली जबडा एवं चश्में आदि प्रदान किए जाते हैं।
15.
19 अप्रैल को क रा बी अधिनियम 1948 कर्मचारियों को बीमारी, प्रसूति तथा रोजगार चोट की स्थिति में कुछ निश्चित हितलाभ प्रदान करता है तथा उनसे संबंधित अन्य मामलों में भी निश्चित प्रावधान है।
16.
जिन मामलों में मृत्यु रोजगार चोट या व्यावसायिक दुर्घटना के कारण होती है वहाँ मृतक बीमाकृत व्यक्ति के आश्रितों को मासिक भुगतान के रूप में मजदूरी के 90% की दर से अदा किया जाता है ।
17.
रोजगार चोट अथवा व्यावसायिक रोग के कारण स्थायी रूप से शारीरिक अपंगता की दशा में जीवन पर्यन्त अपंगता हितलाभ चिकित्सा बोर्ड द्वारा निर्धारित अर्जन क्षमता की क्षति के अनुपात की दर से अदा किया जाता है ।
18.
आश्रित हितलाभ पारिवारिक पेंशन के रूप में रोजगार चोट या व्यावसायिक रोग के कारण बीमाकृत व्यक्ति की मृत्यु की स्थिति में उसके आश्रितों को दी जाती है जो मजदूरी के लगभग 70 प्रतिशत के बराबर होती है ।
19.
आश्रितजन हितलाभ: जिन मामलों में मृत्यु रोजगार चोट या व्यावसायिक दुर्घटना के कारण होती है वहाँ मृतक बीमाकृत व्यक्ति के आश्रितों को मासिक भुगतान के रूप में मजदूरी के 90% की दर से अदा किया जाता है ।