राहुल गांधी: युवा तुर्क का राजनीतिक बयान राहुल गांधी: युवा तुर्क का राजनीतिक बयान ================================================================================ Sanjay Dubey on 21/01/2013 02:23:00 एक ऐसी पार्टी जिसमें करीब चार दशक से एक ही परिवार का आधिपत्य हो वहां नताओं का सार्वजनिक रूप से रोना-बिलखना अपने आप ही एक संशय को जन्म देता है.
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भूखे-प्यासों का रोना-बिलखना बदस्तूर चलता है क्योंकि उनका दिन चारो ओर लहलहाते पानी को देख दहशत से भरा होता है, पेट में अन्न का दाना नहीं, मां बच्चों को चिपकाए बैठी है कि कहीं वह सरक कर पानी में न चले जाएं, बाप बस ऊपर ही ताके जा रहा है।
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माता-पिता ने उन दोनों बालकों का पालन-पोषण नहीं किया, बल्कि उनको वन में अकेले छोड़कर वे चले गए | उसी वन से होकर एक बार महाराज शांतुन का कोई सैनिक निकला | उसने उन दोनों सुकुमार बालकों को देखा | निस्सहाय की भांति उनका रोना-बिलखना देखकर उसको उन पर दया आ गई और वह उनको उठाकर अपने घर ले आया | उसने घर पर उनका पालन-पोषण किया और चूंकि कृपा करके उसने उन बच्चों को रखा था | इसी कारण बालक का नाम तो कृप और बालिका का नाम कृपी विख्यात हो गया |