अरबी नामों के रोमनीकरण के परिणामस्वरूप आसानी से वर्तनी में अंतर आ सकता है:
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[9] अरबी नामों के रोमनीकरण के परिणामस्वरूप आसानी से वर्तनी में अंतर आ सकता है:
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यदि चिट्ठाजगत के रोमनीकरण पर ब्लॉगवाणी के संचालकों को विरोध था तो उन्होंने अपने नाम से विचार क्यों व्यक्त नहीं किए?
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यदि चिट्ठाजगत के रोमनीकरण पर ब्लॉगवाणी के संचालकों को विरोध था तो उन्होंने अपने नाम से विचार क्यों व्यक्त नहीं किए?
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पर हिंदी या अन्य भारतीय भाषाओं के साथ ऐसा क्या कर सकते हैं जिससे उनकी बोली और विषेश स्वरों का रोमनीकरण न हो?
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पर हिंदी या अन्य भारतीय भाषाओं के साथ ऐसा क्या कर सकते हैं जिससे उनकी बोली और विषेश स्वरों का रोमनीकरण न हो?
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नीचे कई प्रमुख भारतीय लिपियों की तुलना के लिए तालिकाएँ दी गई हैं ; उच्चारण की जानकारी कलकत्ता रोमनीकरण राष्ट्रीय पुस्तकालय व आईपीए में दी गई है।
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यदि चिट्ठाजगत के रोमनीकरण पर ब्लॉगवाणी के संचालकों को विरोध था तो उन्होंने अपने नाम से विचार क्यों व्यक्त नहीं किए? कई छद्म नामों से क्यों ऐसा किया? यह अनैतिक है।
19.
यह संयोग की ही बात है कि जिस समय हिंदी चिट्ठों के एग्रिगेटर चिट्ठों का रोमनीकरण कर रहे थे उसी समय हम आपके प्रिय हिंदी टूलबार पिटारा का अखिल भारतीय अंग्रेजी संस्करण बना रहे थे।
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यह संयोग की ही बात है कि जिस समय हिंदी चिट्ठों के एग्रिगेटर चिट्ठों का रोमनीकरण कर रहे थे उसी समय हम आपके प्रिय हिंदी टूलबार पिटारा का अखिल भारतीय अंग्रेजी संस्करण बना रहे थे।