यहाँ यह भ्रम की स्थिति भी दूर होनी चाहिए कि जिन विषयों पर लघुकथाएँ लिखी गई हों, उनपर कहानी नहीं लिखी जा सकती या लिखी गई कहानी के विषय पर लघुकथा के साथ जुड़े लघु शब्द को उसके शाब्दिक अर्थ में न समझा जाए बल्कि आकारगत लघुता की दृष्टि से देखा जाए।
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परंतु तीन चार मात्राओं के शब्द अधिक पसंद किए जाने के कारण चीनी लिपियों के किसी किसी हिस्से को काटकर लघु शब्द बनाना पसंद किया जाता है, जैसे“निहोन् क्योशोकुइन् कुमिअइ” के स्थान पर “निक्क्योसो” इस प्रकार के अनेक शब्द बनाए जाने के कारण एक ही उच्चारण के एवं अनेक अर्थ प्रकट करनेवाले शब्द बहुत मिलते हैं।
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परंतु तीन चार मात्राओं के शब्द अधिक पसंद किए जाने के कारण चीनी लिपियों के किसी किसी हिस्से को काटकर लघु शब्द बनाना पसंद किया जाता है, जैसे“निहोन् क्योशोकुइन् कुमिअइ” के स्थान पर “निक्क्योसो” इस प्रकार के अनेक शब्द बनाए जाने के कारण एक ही उच्चारण के एवं अनेक अर्थ प्रकट करनेवाले शब्द बहुत मिलते हैं।
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परंतु तीन चार मात्राओं के शब्द अधिक पसंद किए जाने के कारण चीनी लिपियों के किसी किसी हिस्से को काटकर लघु शब्द बनाना पसंद किया जाता है, जैसे “ निहोन् क्योशोकुइन् कुमिअइ ” के स्थान पर “ निक्क्योसो ” इस प्रकार के अनेक शब्द बनाए जाने के कारण एक ही उच्चारण के एवं अनेक अर्थ प्रकट करनेवाले शब्द बहुत मिलते हैं।