वैसे तो इस वृहद शास्त्र में हमारे स्वामित्व क्षेत्र के चप्पे-चप्पे का, भूखण्ड, मिट्टी, खिडकी-दरवाजे, उनकी लम्बाई-चौडाई का विस्तृत उल्लेख मिलता है जिनकी चर्चा इस एक पोस्ट में कर पाना न तो सम्भव लगता है और न ही आवश्यक, किन्तु प्राथमिक जानकारी से जुडे उपरोक्त तथ्यों को भी समझकर यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में अपनाने का प्रयास कर सके तो सम्भव है भविष्य में उन्हें अपने जीवन में कुछ अधिक सफलता और घर में कुछ अधिक सुखानुभूति मिलती रह सके ।
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अधीनस्थ न्यायालय में चालानी रिपोर्ट के साथ संलग्न नक्शे के अवलोकन से ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त नक्शा, स्थल पर जाकर बनाया जाना प्रतीत नहीं होता है बल्कि सेटलमेन्ट के नक्शे को ट्रेस करके बनाया गया है क्योकि यदि मौके पर जाकर उक्त नक्शे को बनाया गया होता तो निश्चित रूप से भूमि की लम्बाई-चौडाई भी अंकित की गयी होती या मोटर मार्ग से उक्त भूमि की दूरी कितनी है तथा रास्ते से भी उक्त भूमि की दूरी कितनी है यह स्पष्ट किया गया होता।
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वैसे तो इस वृहद शास्त्र में हमारे स्वामित्व क्षेत्र के चप्पे-चप्पे का, भूखण्ड, मिट्टी, खिडकी-दरवाजे, उनकी लम्बाई-चौडाई का विस्तृत उल्लेख मिलता है जिनकी चर्चा इस एक पोस्ट में कर पाना न तो सम्भव लगता है और न ही आवश्यक, किन्तु प्राथमिक जानकारी से जुडे उपरोक्त तथ्यों को भी समझकर यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में अपनाने का प्रयास कर सके तो सम्भव है भविष्य में उन्हें अपने जीवन में कुछ अधिक सफलता और घर में कुछ अधिक सुखानुभूति मिलती रह सके ।