एक अठारह उन्नीस साल का लम्बा लड़का, जो हरियाणा के किसी गाँव से उस महानगर में आया था, बहुत से और कामों के साथ इस काम के लिए भी नौकरी पर रखा गया था कि हर शाम छ: बजे जो क्यूबिकल खाली हो जाएँ-उदय को क्यूबिकल हीरे की तरह चमकता हुआ शब्द लगता था-उनकी बड़ी लाइट ऑफ करके वह छोटी दूधिया लाइट जला दिया करे।