ये भी ठीक है की शारीरिक सरंचना को मानसिक रचना से मिलाने के लिए लिंगपरिवर्तन आदी का सहारा ले कर ऐसा व्यक्ति बेहतर महसूस करता / करती हो-ये व्यक्तिगत मामला है-लेकिन दिक्कत होती है जब इस प्रकार के जीवों को एक दूसरे से अलग सिद्ध करते पचास शब्द और परिभाषाएं उपलब्ध होते हैं-क्रास-ड्रैसर, ट्रांसवेस्टाईट, ट्रांससेक्षुअल, शीमेल, गे, लेस्बियन, बाईसेक्षुअल, थर्ड जेंडर...