दौरे के समय विशेष: सर्वप्रथम रोगी को होश में लाने के लिए उसे लिटा देना चाहिए।
12.
ऐसे रोगी को धीरे से उसके बिस्तर पर पुन: लिटा देना चाहिये और उसे जगाना नहीं चाहिये।
13.
यदि किसी व्यक्ति की पीठ में दर्द है तो रोगी को किसी चारपाई या लकड़ी के तख्ते पर लिटा देना चाहिए।
14.
उसे उसके सिर और घुटनों को तकिये से सहारा देकर तथा बाँहों को आराम से विश्राम कराते हुए आराम से लिटा देना चाहिए।
15.
ऐसी स्थिति में रोगी को शारीरिक और मानसिक विश्राम देने के लिए किसी एकांत स्थान तथा साफ-सुथरे बिस्तरे पर सिर को ऊंचा रखते हुए लिटा देना चाहिए।
16.
पीठ पर प्रेशर देने के लिए रोगी को चारपाई या फिर जमीन पर बिछौना बिछाकर पेट के बल लिटा देना चाहिए और इसके बाद अंगूठों से प्रेशर देना चाहिए।
17.
डंडे की तरह अपने षरीर को धरती पर लिटा देना, फिर उठ खड़ा होना, फिर लेट जाना-इस तरह षरीर से दूरी को नापते हुए मंदिर तक पहुँचना, वास्तव में यह कठिन आराधना है।
18.
यदि प्रसव (बच्चे का जन्म होना) के समय में यदि स्त्री को अकड़न या बेहोशी की बीमारी हो जाए तो गर्भवती स्त्री को आराम से किसी हवादार कमरे में बिस्तर पर लिटा देना चाहिए।
19.
डंडे की तरह अपने षरीर को धरती पर लिटा देना, फिर उठ खड़ा होना, फिर लेट जाना-इस तरह षरीर से दूरी को नापते हुए मंदिर तक पहुँचना, वास्तव में यह कठिन आराधना है।
20.
बाहरी व्यक्ति के लिए तो यह अटपटी बात हो सकती है पर हमारे जैसे सामर्थ्यहीन चीनी परिवार के लिए नवजात बच्चे की आत्मा की शांति के लिए नदी किनार जैसी सुंदर जगह पर लिटा देना बहुत मायने रखता है।