बोला, ‘‘ आप अगर डरते हैं कि मैं पीछे पुस्तक पर अपना लेखकत्व का अधिकार जमाना चाहूँगा, या जिसका मैं उत्तरदायी भी हूँगा, ऐसा भरोसा मुझे नहीं है।
12.
इसके अतिरिक्त, अन्तःस्फूर्ति से जो कुछ ज्ञात हुआ है, वह भी तो श्रीगुरु (ईश्वर) ने ही सुझाया है, इसलिए उसका कर्तापन और लेखकत्व अपनी ओर से नहीं लिया जा सकता।