| 11. | अँगरेज़ी साहित्य और विश्व-साहित्य के पठन-पाठन से मेरी लेखन-शैली में प्रौढ़ता आती गयी।
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| 12. | मैं जानता हूँ कि मेरी लेखन-शैली इतनी आक्रामक पहले कभी नहीं हुई है।
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| 13. | प्रवीण जी की लेखन-शैली, शब्दों का प्रयोग और कविता की बुनावट अद्भुत है.
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| 14. | अँगरेज़ी साहित्य और विश्व-साहित्य के पठन-पाठन से मेरी लेखन-शैली में प्रौढ़ता आती गयी।
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| 15. | मैं जानता हूँ कि मेरी लेखन-शैली इतनी आक्रामक पहले कभी नहीं हुई है।
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| 16. | आपकी लेखन-शैली और भाषा-सौष्ठव आ० हजारीप्रसाद द्विवेद्वीजी के उपन्यासों की याद दिलाता है।
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| 17. | गुरजिएफ की लेखन-शैली का एक और मजेदार पहलू इस किताब में उभरता है।
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| 18. | आभार आपका।आपकी लेखन-शैली और भाषा-सौष्ठव आ० हजारीप्रसाद द्विवेद्वीजी के उपन्यासों की याद दिलाता है।
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| 19. | सत्यता बेशक चाहे जो रही हो कंचन जी, आपकी लेखन-शैली ने दिल छू लिया
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| 20. | फिर भी मुझ जैसे आपकी लेखन-शैली के प्रशंसकों के लिये कुछ-न-कुछ ब्लॉग पर लिखते रहा करें।
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