चुपचाप घर का रुख करते हुए लफ़त्तू ने बस अड्डे पर रुकी एक बस की ओट में पेशाब करते समय मुझे बताया कि उसे रोज़ रात को भयानक बुखार आता है और वह सो नहीं पाता और यह भी कि शायद कल उसे किसी बड़े डाक्टर को दिखाने मुरादाबाद ले जाया जाने वाला है.
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मैं ' दोस्ती' फ़िल्म का कोई डायलाग भी याद करने की कोशिश कर रहा था.चुपचाप घर का रुख करते हुए लफ़त्तू ने बस अड्डे पर रुकी एक बस की ओट में पेशाब करते समय मुझे बताया कि उसे रोज़ रात को भयानक बुखार आता है और वह सो नहीं पाता और यह भी कि शायद कल उसे किसी बड़े डाक्टर को दिखाने मुरादाबाद ले जाया जाने वाला है.मुझे रात को बहुत देर नींद नहीं आई.