2005 में छत्तीसगढ़ में मैनपाट में वहाँ की सबसे बड़ी बॉक्साइट खदान में मैं लगभग 30 मजदूरों से मिला था जिनके सिर पर कोई हेलमेट नहीं था, उन्होंने साधारण कमीजें या साड़ियाँ पहन रखी थीं और चिलचिलाती धूप में लैटेराइट पत्थरों के ब्लास्टिंग के बीच काम करने को मजबूर थे.
12.
2005 में छत्तीसगढ़ में मैनपाट में वहाँ की सबसे बड़ी बॉक्साइट खदान में मैं लगभग 30 मजदूरों से मिला था जिनके सिर पर कोई हेलमेट नहीं था, उन्होंने साधारण कमीजें या साड़ियाँ पहन रखी थीं और चिलचिलाती धूप में लैटेराइट पत्थरों के ब्लास्टिंग के बीच काम करने को मजबूर थे.