धूम्रपान के कारण लैरिंक्स की कुदरती नमी सूख जाती है और वोकल कॉर्ड्स का काम करना बंद हो सकता है, वहीं निकोटिन जैसे पदार्थ गैस्ट्रिक रिफ्लक्स भी पैदा करते हैं।
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धूम्रपान करने से मुंह का कैंसर, खाने और सां स की नली का कैंसर, फेफड़े, लैरिंक्स, पेट, पित्त की थैली और पेशाब की थैली का कैंसर होता है।
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धुंआ और तम्बाकू सांस द्वारा अन्दर लेने से, धूम्रपान करनेवालों का लैरिंक्स यानी कि कंठ जिसे में वौइस बॉक्स मौजूद होता है, वो बुरी तरह से त्रस्त और प्रभावित होता है, जिसके कारण उनके अन्दर लैरिंक्स कैंसर होने का ख़तरा, धूम्रपान न करने वालों से 5 से 25 गुना अधिक होता है।
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धुंआ और तम्बाकू सांस द्वारा अन्दर लेने से, धूम्रपान करनेवालों का लैरिंक्स यानी कि कंठ जिसे में वौइस बॉक्स मौजूद होता है, वो बुरी तरह से त्रस्त और प्रभावित होता है, जिसके कारण उनके अन्दर लैरिंक्स कैंसर होने का ख़तरा, धूम्रपान न करने वालों से 5 से 25 गुना अधिक होता है।