जहां यह जंगलों में होता है वहां यह जल की अच्छी निकासी वाली अम्लीय लोएस मिट्टी (यानी, महीन, सिल्ट वाली मिट्टी)में पर्णपाती जंगलों और घाटियों में यहाँ-वहां पाया जाता है.
जम्मू क्षेत्र में संकीर्ण मैदानी प्रवेश की विशेषता तराइयों से निकली जलधाराओं के द्वारा जमा अवसाद और दोमट मिट्टी व लोएस (वायु के द्वारा लाकर जमा की गई मिट्टी) से ढके एकदम अलग हो चुके अपरदित चट्टान से निर्मित रेतीले जलोढ़ पंखों के अंतःबंधन हैं।
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जम्मू क्षेत्र में संकीर्ण मैदानी प्रवेश की विशेषता तराइयों से निकली जलधाराओं के द्वारा जमा अवसाद और दोमट मिट्टी व लोएस (वायु के द्वारा लाकर जमा की गई मिट्टी) से ढके एकदम अलग हो चुके अपरदित चट्टान से निर्मित रेतीले जलोढ़ पंखों के अंतःबंधन हैं।
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इस पठार की लोएस मिटटी बहुत उपजाऊ है और इसपर हज़ारों सालों से कृषि चलती आ रही है, लेकिन इस मिटटी की आसानी से हिल जाने की प्रकृति के कारण यहाँ आंधी और पानी से अकसर खेतों की ज़मीन खाई जाती है, जिस से किसानों को परेशानी रहती है ।
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चीन का लोएस पठार (Loess Plateau)सहस्राब्दियों पहले साफ़ कर दिया गया.तब से इसमें अपरदन हो रहा है और नाटकीय ढंग से घाटियों का निर्माण हो रहा है, इससे निकले पीले अवसाद ने येल्लो नदी को पीला रंग दिया है, यह नीचले क्षेत्रों में नदी में बाढ़ का कारण होता है (इसीलिए नदी को चीन का दुःख कहा जाता है)