| 11. | लोकरंजन हो जहाँ शम्बूक-वध की आड़ में,
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| 12. | विभूतिवान लोकरंजन में नहीं सृजन में लगेंगे
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| 13. | होने पर लोकरंजन का रुप ले लेते
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| 14. | लिए कोई लोकरंजन कथा लिख देता हूं।
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| 15. | लोकरंजन के लिए इस समय के ग्रंथों-विष्णुदास
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| 16. | इस अंचल में इन्द्रजाली खेल भी लोकरंजन
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| 17. | विद्या के अनुरूप हीं लोकरंजन हो सकेगा।
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| 18. | वे लोकरंजन के उपकरण भी थे ।
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| 19. | करने लगे, तब उनके लोकरंजन में परिष्कार
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| 20. | साहित्यकार अगले दिनों लोकरंजन के लिए नहीं लिखेंगे ।
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