| 11. | बहादुर दुलारिन का लोक आख्यान उन लोगों के सामने पहली बार मूर्त रूप में सामने आया था।
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| 12. | बहादुर दुलारिन का लोक आख्यान उन लोगों के सामने पहली बार मूर्त रूप में सामने आया था।
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| 13. | इस लोक आख्यान का कथानक हम निम्न लिखित पाठों के आधार पर प्रस्तुत कर रहे हैं:-
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| 14. | दिल्ली यूनीवर्सिटी से एमफिल में हबीब तनवीर के बहादुर कालारिन के लोक आख्यान विषय पर लघु शोध प्रबंध।
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| 15. | (डाक्टर दराल से खेद सहित) लोक आख्यान के बहाने एक बार फिर से वर्जित विषय...
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| 16. | इसी कलात्मक अभिव्यक्ति का श्रेष्ठतम रूप हमें इस लोक आख्यान ' बहादुर कलारिन ' के नाटकीय रूप में दिखता है।
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| 17. | इसी कलात्मक अभिव्यक्ति का श्रेष्ठतम रूप हमें इस लोक आख्यान ' बहादुर कलारिन ' के नाटकीय रूप में दिखता है।
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| 18. | लोक आख्यान सामाजिक, राजनैतिक,आर्थिक परिस्थितियों के अतिरिक्त भौगोलिक परिस्थितियों से भी अछूते नहीं रह सकते, सही है.
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| 19. | ' ययाति ' का जिक्र आपने कर ही दिया, संबंधित दूसरा लोक आख्यान भृतृहरि और गोरखनाथ के अमरफ़ल वाला है।
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| 20. | दर्शक को लगता है कि उसके सामने जो घटित हो रहा है वो कोई नाटक नहीं बल्कि एक लोक आख्यान है।
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