ओ महान संस्थापक ओ महर्षि देखता हूँ कि तुम्हारे अनुयायियों ने ही छल किया तुम्हारे साथ बेशक तुम्हारे दुश्मन वही बने रहे जो थे हमेशा से देखता हूँ ' अप्रैल बयासी ' की अंतिम तस्वीर में तुम्हारा चेहरा एक लौह आवरण मुक्ति का एक लौह आवरण!
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ओ महान संस्थापक ओ महर्षि देखता हूँ कि तुम्हारे अनुयायियों ने ही छल किया तुम्हारे साथ बेशक तुम्हारे दुश्मन वही बने रहे जो थे हमेशा से देखता हूँ ' अप्रैल बयासी ' की अंतिम तस्वीर में तुम्हारा चेहरा एक लौह आवरण मुक्ति का एक लौह आवरण!