परिणामस्वरूप, वनस्पति और भूमि के बहुत बड़े क्षेत्र ख़त्म हो गए हैं, और मृदा अपरदन तथा मरुस्थलीकरण हो गया है.लगभग आधा मूल वनस्पति आवरण नष्ट हो चुका है, जिसके कारण हैं अतिक्रमण, कटाई, और कठोर प्राकृतिक परिस्थितियों में जरुरत से ज्ञाता चराई.वनों और जंगलों का लगभग ९५ प्रतिशत जो कभी आइसलेंड के २५ क्षेत्र को आवरित करता था, ख़त्म हो चुका है.वनों को फिर से लगाने और वनस्पति को फिर से उगाने की वजह से भूमि के छोटे क्षेत्रों को बहाल किया गया है.