मेरे जीवन के दाम्पत्य के क्षण, ३३ सालोँ का लँबा सफर, उससे पहले, १ ६ / १ ७ साल की आयु मेँ, अपने जीवन साथी से, पहली बार मिलना, उससे पहले, एक ही गुजराती स्कूल मेँ कक्षा १ से, उन्हेँ देखना, साथ साथ, बडे होना, बचपन की देहलीज को पार कर, वयस्क होना, फिर, परिवार के सभी से जान पहचान, एक दूसरे के घर पर, भोजन करना, गप्पे लडाना, शादी ब्याह, २ सँतानोँ के अभिभावक बनना ~