आ ' ओही बीचसँ एक जातीय बाहुबलीक जन्म होइत छलैक जे अपन पराक्रमक बल पर जातीय अस्मिताक अनादरकार्ता एवं शोषक वर्गक विरोधमे तनि कए ठाढ़ भए जाइत छलाह।ओ सभ अपन-अपन जातिक प्रतिष्ठा आ' जातीय व्यवस्थाके ँ अक्षुण्ण रखबाक हेतु आजीवन सक्रिय एवं सतर्क रहैत छलाह एवं जातिक प्रतिष्ठा, उन्नति एवं अवनति आदिक सभ छारभार ओही नेता सभ पर निर्भर छलैक।