विलियम क्रूक ने अवध में ही अन्य वर्ण परिवर्तन के विषय में भी वर्णन किया हैं ।
12.
कर्म से ही व्यक्ति वर्ण निशिचत किया जाता था, कर्म परिवर्तन से वर्ण परिवर्तन भी सम्भव था।
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कर्म से ही व्यक्ति वर्ण निशिचत किया जाता था, कर्म परिवर्तन से वर्ण परिवर्तन भी सम्भव था।
14.
इसी प्रकार क्षत्रियों और वैशयों के कुलों में उत्पन्न बालकों या व्यक्तियों का भी वर्ण परिवर्तन हो जाता है।
15.
प्रतिभा अंक वर्ण परिवर्तन या चिकित्सा के रूप में अपनी व्यक्तिगत शक्तियों की शक्ति में वृद्धि कर सकते हैं.
16.
निःसन्देह गुणों और कर्मो का प्रभाव इतना प्रबल होता है कि वह सहज ही वर्ण परिवर्तन कर देता है ;
17.
वर्ण परिवर्तन और उसकी उन्मुक्तता छान्दोग्य उपनिषद के सत्यकामा जाबाला की कथा में भी मिलता हैं, जहाँ केवल माता के परिचय के आधार पर बिना वर्ण के ज्ञान पर भी गुरु ने सत्यकामा को दीक्षित किया।
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वर्ण परिवर्तन और उसकी उन्मुक्तता छान्दोग्य उपनिषद के सत्यकामा जाबाला की कथा में भी मिलता हैं, जहाँ केवल माता के परिचय के आधार पर बिना वर्ण के ज्ञान पर भी गुरु ने सत्यकामा को दीक्षित किया।
19.
मनुस्मृति के प्रक्षिप्त श्लोकों से भी पता चलता है कि कुछ क्षत्रिय जातियां, शूद्र बन गईं | वर्ण परिवर्तन की साक्षी देने वाले यह श्लोक मनुस्मृति में बहुत बाद के काल में मिलाए गए हैं | इन परिवर्तित जातियों के नाम हैं-पौण्ड्रक, औड्र, द्रविड, कम्बोज, यवन, शक, पारद, पल्हव, चीन, किरात, दरद, खश |
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(s) मनुस्मृति के प्रक्षिप्त श्लोकों से भी पता चलता है कि कुछ क्षत्रिय जातियां, शूद्र बन गईं | वर्ण परिवर्तन की साक्षी देने वाले यह श्लोक मनुस्मृति में बहुत बाद के काल में मिलाए गए हैं | इन परिवर्तित जातियों के नाम हैं-पौण्ड्रक, औड्र, द्रविड, कम्बोज, यवन, शक, पारद, पल्हव, चीन, किरात, दरद, खश |