उनको निर्देश दिया कि वे अपने मुहल्ले में वर्षा-जल संरक्षण के बारे में लोगों को जागरूक करें।
12.
इन सभी इमारतों में वर्षा-जल संचय प्रणाली अनिवार्य रूप से होगी तथा उसे विकलांगों के लिए मित्रवत् बनाया,
13.
रमेश नेगी बताते हैं कि अब बड़ी संस्थाओं, होटलों को कनेक्शन तभी दिया जाता है जब वे वर्षा-जल संग्रह की व्यवस्था करते हैं।
14.
जिस प्रकार चातक को (स्वाति न्क्षत्र के) निर्मल वर्षा-जल के सुख की अभिलाषा होती हैं वैसे ही इस माधव (रचनाकार) को भी निर्मल
15.
अरविन्द चतुर्वेद: एक समय वह भी था कि वर्षा-जल से नहाए जंगल से होकर जब पुरवा हवा चलती थी तो भीगी वनस्पितियों की मादक महक के झोंके गांव तक आते थे।
16.
मिसाल के लिए वर्षा-जल जमा करने के लिए अगर किसी किस्म का निर्माण हुआ है तो उसमें इस बात का ध्यान नहीं रखा गया है कि संग्रहित जल किस तरीके से सुरक्षित रहेगा।
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इनकी छतरी वर्षा-जल से मृदा पर होने वाले संघात को रोकती है तथा जड़ों का विन्यास मृदा कणों को बांधता है, जल अंतः संचरण को बढ़ा देता है तथा मृदा के विभिन्न भौतिक गुणों को विकसित कर देता है।
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गोमती अपने उद्गम स्थल से पावन गंगा मिलन तक 960 किमी. की यात्रा में 22735 वर्ग किमी. जलग्रहण क्षेत्र का वर्षा-जल संजोकर वाराणसी-गाजीपुर के मध्य मार्कण्डेश्वर महादेव के पास गंगा मैया की गोद में समा जाती है।
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मजबूर हूँ! दिल्ली में रहते भी शायद समाचार पत्रों, टीवी आदि से भी कभी-कभी पता चलता रहता है कि कैसे, उदाहरणतया, मणिपुर में एक ३० फुट चौड़ा नाला ३०० फुट चौड़ी नदी बन गया (क्यूंकि थोड़े से समय में उस क्षेत्र में वर्षा-जल की बहुतायत ने भूखे शेर समान उसके तट की माटी पर हमला कर दिया)!
20.
से ज्यों बिखरा हो वर्षा-जल पहुँचे हम उत्तंग शिखर पर जहाँ डोलता सुधा जलद गूँज उठा घननाद प्रबलतम लगा बरसने लरज लरज सिक्त हुआ प्राणों का कण कण अंतह अति सुरभित, मधुमय तरल हुए हिम खण्ड पिघलकर हुआ परस्पर पूर्ण विलय थमा ज्वार, थी शांति चतुर्दिक लहराता तन मन उपवन आधिपत्य औ पूर्ण समर्पण-एक साथ, था महामिलन पल भर को तुम मुड़कर तकना अंतिम पल हैं;