(३ ४) श्री भगवान निश्चय कठिन है मन वश करना, यह है बहुत ही चंचल अर्जु न.
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श्री भगवान ने कहा-“हे महाबाहो! सचमुच मन चंचल है, उसे वश करना बहुत मुश्किल है, फिर भी, हे कौंतेय! अभ्यास और वैराग्य से उसे वश किया जा सकता है ।”
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* माँ धरणि के पुत्र तुम मानव समर्थ सुबुद्ध दृढ़मति मिली क्षमतायें सभी, मत स्वा,र्थ वश करना न तुम अति बने एक कुटुंब वसुधा,जीव-जग सब ही सहोदर सभी को अधिकार देना और उनका भाग सादर..
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नाम का खूब खूब अभ्यास करना पड़ेगा … इसलिए भगवान के वचन गीता के भूलना नही …भगवान ने अर्जुन को कहा की: निसंदेह मन को वश करना कठिन है लेकिन अभ्यास से ये तू कर सकता है..
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ज्ञानी लोग अपने मन पर नियंत्रण रखते हैं तो विषयों के व्यवसायी उनको अपने जाल में फंसा नहीं पाते पर सामान्य लोगों के चंचल मन का वश करना आसान है इसलिये अनेक लोग मनोरंजन का व्यापार कर उससे मालामाल हो जाते हैं।
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क्या हम विद्यार्थी तुम्हारे समस्या का समाधान हैं जिसे आये दिन आँखों में दुःख के आंसू दिए जाते हो......तुम हमें डराना चाहते हो या फिर हमें अपने बेतुके मिशन में शामिल करना चाहते हो,तुम हमारी ब्रेन वश करना चाहते हो....तो ठहरो ।।।।।
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सन २ ००० में पूर्णतयः जाबलेस हो जाने पर इसी ज्योतिष को आजीविका क़े रूप में अपनाना पड़ा, हालाँकि बाबूजी सा पूनम क़े पिताजी) ने ऐसा करने को पहले ही कहा था परन्तु उनके निधन क़े बाद परिस्थितियों वश करना ही पड़ा.
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जहाँ अपना कोई नहीं है, जिससे कभी की जान-पहचान नहीं, जिस स्थान पर केवल बधू-दर्शन का कुतूहल मात्र उसकी अभ्यर्थना करने वाला है, वहाँ वह रोते और सिसकते किसी साहस से आयी और किसी को अपने रूप से, किसी को विनय से, किसी को स्नेह से उसने वश करना आरम्भ किया।
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मिट्टी का कोई पुतला जमीन से लड़ने जाय, कोई घट चट्टान से लड़ने जाय तो क्या होगा? फूट ही जाएगा, ऐसे ही हमारा यह स्थूल शरीर है, हमारा मन है, हमारी बुद्धि है, हमारा कारण शरीर है, यह सब माया के द्वारा निर्मित हुए हैं, विशाल ब्रह्माण्डों में विखरी हुई इसी माया की सत्ता से निर्मित हुए इन साधनों से ही माया को जीतने की इच्छा करेंगे तो जीतना असंभव है, जिसप्रकार बुलबुला सागर को वश करना चाहे तो सागर का बुलबुले के वश होना असंभव है।