जहाँ वसीयत करने वाला लाचारी की शिला पर खड़ा है, उसी राह का पथिक हर एक को बनना है, उस बनवास के दौर से गुज़रना है तन्हा तन्हा.
12.
वसीयत अपने जीवन काल के उपरांत अपनी संपत्ति के व्यवस्थापन के लिए एक व्यक्तिगत कानूनी दस्तावेज है, जिसमें वसीयत करने वाला अपनी मृत्यु के बाद उस की जायदाद का बंटवारा किस तरह किया जाए इस का ब्यौरा लिखता है।
13.
या इच्छनुसार वस्तु नहीं मिली है, वे वसीयत को इस आधार पर विवाद के घेरे में ला सकते हैं कि, वसीयत बल-प्रयोग द्वारा लिखायी गयी है या इसे करते समय वसीयतकर्ता की दिमागी दशा ठीक नहीं थी या इसे लिखते वक्त वसीयत करने वाला नशे की हालत में था।