बुनियादी ढांचे के मामले मे वस्तुता ये सामान्य शाखाये हैं लेकिन लेनदेन की मात्रा और प्रकार पर कुछ प्रतिबंधों और कार्य दिवसों में कुछ छूट और इन शाखाओं मे कर्मचारियों की संख्या के दृष्टि कोण से प्रभा वी लागत को कम किया जा सकता है ।
12.
इन संघर्षों की पृष्ठभूमि में मनुष्य द्वारा पूर्णता की आकांक्षा और प्रयास, जिसमें स्त्री पुरुष संबंधों के नये रुपों की तलाश भी आती है, सम्पूर्ण आधुनिक साहित्य को इस संदर्भ में समझा और निरुपित किया जा सकता है, वस्तुता संपूर्ण आधुनिक कला को ही.
13.
भरोदिया जी नमस्कार, आपके ब्लॉग पर प्रथम बार आ रही हूँ, आपका सामाजिक चिन्तन-युक्त आलेख अति महत्वपूर्ण है, आज समाज में अनेको मत है, एवं राजनितिक पार्टियां भी अनेकानेक होती जा रही है, इन्हीं से हमारा समाज बिखर रहा है, वस्तुता अब समय रहते सुधार आवश्यक है … आभार सहित …