विद्वान अवर न्यायालय ने आलोच्य निर्णय एवं आज्ञप्ति दिनांकित 27. 4.84 के माध्यम से यह अवधारित किया है कि वादी 5,180/-रूपये वादकालीन ब्याज के साथ पाने के अधिकारी हैं।
12.
अतः वर्तमान प्रकरण के सम्पूर्ण परिस्थितियों के दृश्टिगत आवेदिका को वादकालीन भरण पोशण के लिये 4, 000/प्रतिमाह तथा वाद की कार्यवाहियों के व्यय के लिये एक मुष्त 8,000/-दिलाया जाना न्यायोचित होगा।
13.
7. अदालत की छुट्टी पर बच्चे (नियम 5:8 ए) के लिए एक वकील की सहायता प्राप्त करने के. 8. ऐसे अभिभावक वादकालीन अदालत की छुट्टी पर अनुरोध कर सकते हैं, जैसा कि अन्य मामलों.
14.
समय / मुलाक़ात एक मुद्दा, एक अभिभावक वादकालीन न्यायालय के आदेश के द्वारा नियुक्त कर सकते हैं बच्चे को या बच्चों के सर्वश्रेष्ठ हितों का प्रतिनिधित्व हो अगर हालात ऐसे नियुक्ति का वारंट है.
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एक प्रस्ताव संरक्षक वादकालीन सहमति के लिए सही है या करने के लिए के रूप में सेवा गिरावट करेगा ऐसी है, ऐसे में वकील की प्रतियों के साथ अदालत को लिखित में निर्णय की सूचना.
16.
अतः वर्तमान प्रकरण की सम्पूर्ण परिस्थितियों को ध्यान मे रखते हुये आवेदिका को वादकालीन भरण पोशण के लिये ृ1200 /-प्रतिमाह तथा वाद की कार्यवाहियों के व्यय के लिये एक मुष्त 5000/-दिलाया जाना न्यायोचित होगा।
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अभिभावक वादकालीन आगे निष्कर्ष और सिफारिशें और उसके आधार पर अदालत की स्थापना के साथ एक प्रश्न के लिखित रिपोर्ट फाइल, करेगा और गवाही के लिए उपलब्ध होगा और पार से उस पर विषय की परीक्षा होगी.
18.
द्वारा बजरिये अपने पिता 16. 12.2009 यह निर्णय याचिका याची कुमारी रेखा श्री इन्द्र सिंह भण्डारी विपक्षीगण के विरूद्ध 22,500/-रूपये की प्रतिकर धनराशि मय 18 प्रतिशत वादकालीन व भविष्य हेतु ब्याज के लिये योजित की गई है।
19.
द्वारा बजरिये अपने पिता 16. 12.2009 यह निर्णय याचिका याची दीपक सिंह श्री इन्द्र सिंह भण्डारी विपक्षीगण के विरूद्ध 33.000/-रूपये की प्रतिकर धनराशि मय 18 प्रतिशत वादकालीन व भविष्य हेतु ब्याज के लिये योजित की गई है।
20.
अतः उभय पक्ष की स्थिति तथा विपक्षी की आय को ध्यान मे रखते हुये आवेदिका को वादकालीन भरण पोषण के लिये रूपये 1600 /-प्रतिमाह तथा वाद की कार्यवाहियों के व्यय के लिये एक मुश्त रूपये छः हजार दिलाया जाना न्यायोचित होगा।