| 11. | वामावर्ती शंख तो मिलती ही है, दक्षिणावर्ती शंख के तमाम रूप उपलब्ध हैं।
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| 12. | शंख के मुख्यतः तीन प्रकार प्रकार होते हैं-वामावर्ती, दक्षिणावर्ती तथा गणेश शंख।
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| 13. | जब कि वामावर्ती अपने आयतन के अनुपात में बीस गुणा कम भार का होता है.
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| 14. | वामावर्ती शंख: यह शंख बाईंं ओर खुलता है, इसीलिए यह वामावर्ती शंख कहलाता है।
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| 15. | वामावर्ती शंख: यह शंख बाईंं ओर खुलता है, इसीलिए यह वामावर्ती शंख कहलाता है।
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| 16. | जब कि वामावर्ती अपने आयतन के अनुपात में बीस गुणा कम भार का होता है.
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| 17. | शंख तीन प्रकार के होते है: वामावर्ती-खुला हुआ भाग बायीं ओर होता है ।
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| 18. | दक्षिणावर्ती शंख को हमारी परम्परा में लक्ष्मी का रूप और वामावर्ती शंख को नारायण माना गया है।
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| 19. | इनमें दक्षिणावर्ती शंख दाईं तरफ से खुलता है, मध्यावर्ती बीच से और वामावर्ती बाईं तरफ से खुलता है।
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| 20. | दैनिक पूजा-पाठ एवं कर्मकांड अनुष्ठानों के आरंभ में तथा अंत में वामावर्ती शंख का नाद किया जाता है।
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