| 11. | * आकाश वायुसे स्पर्श लेलेता है और वायु आकाश में समा जाती है ।
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| 12. | ‘ मेरे लिए भूमि, जल, अग्रि, वायु आकाश कुछ भी नहीं है।
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| 13. | स्वार्थ हेतु कर प्रकृति विनाश प्रदूषित कर जल वायु आकाश देते माता को हम त्रास ।
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| 14. | जैसे तेज, जल, पृथ्वी आदि के सहित वायु आकाश के आधार है वैसे ही यह परमात्मा के आधार हैं।
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| 15. | उस समय जल अग्नि में, अग्नि वायु में, वायु आकाश में और आकाश महतत्व में प्रविष्ट हो जाता है।
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| 16. | कवि कुलवंत जी, सही कहा आपने स्वार्थ हेतु कर प्रकृति विनाश प्रदूषित कर जल वायु आकाश देते माता को हम त्रास ।
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| 17. | ायें 5) गन्ध रस रूप स्पर्श शब्द (महाभूत 5) पृथ्वी जल अग्नि वायु आकाश ३-द्विवचन संस्कृत भाषा की तीसरी विशेषता है द्विवचन।
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| 18. | जैसे वायु आकाश या अवकाश में उत्पन्न् होती है, प्राण भी अवकाश में ही उदित होता है और उससे बहुत नजदीकी से जुड़ा रहता है।
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| 19. | जैसे वायु आकाश या अवकाश में उत्पन्न् होती है, प्राण भी अवकाश में ही उदित होता है और उससे बहुत नजदीकी से जुड़ा रहता है।
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| 20. | यह पंच भूत वायु आकाश जल अग्नि पृथ्वी, समस्त इन्द्रियाँ, मन, प्राण आदि सभी कुछ उस परमात्मा से ही उत्पन्न हुए हैं.
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