दूसरी ओर, वाष्प इंजन और वायु संपीडक साधारणत: उभयदिश सक्रिय बनाए जाते हैं, यद्यपि यह अनिवार्य नियम नहीं है।
12.
वायु संपीडक द्वारा ही थियेटर, सिनेमाघरों, बड़ी बड़ी इमारतों और खानों में संवातन (Ventilation) किया जाता है, जिससे अशुद्ध वायु निकलकर उसका स्थान शुद्ध वायु ले लेती है।
13.
प्रथम प्रकार के चक्र में वायुमंडल से ताजी वायु संपीडक में प्रवेश करती एवं टरबाइन में कार्य करने के बाद वायुमंडल में ही निष्कासित हो जाती है, किंतु दूसरे प्रकार के चक्र में बाहर से ताजी वायु नहीं आती है, वरन् उसी वायु या गैस का बारंबार परिवहन होता है।