ज़्यादातर हिद-आर्य भाषाओँ में महाप्राण व्यंजनों को वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है, जैसे की महाप्राण व्यंजन 'ख' को मुंह से वायु-प्रवाह से बोला जाता है जबकि उसके मिलते हुए अल्पप्राण व्यंजन 'क' को बहुत कम वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है.
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ज़्यादातर हिद-आर्य भाषाओँ में महाप्राण व्यंजनों को वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है, जैसे की महाप्राण व्यंजन 'ख' को मुंह से वायु-प्रवाह से बोला जाता है जबकि उसके मिलते हुए अल्पप्राण व्यंजन 'क' को बहुत कम वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है.
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ज़्यादातर हिद-आर्य भाषाओँ में महाप्राण व्यंजनों को वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है, जैसे की महाप्राण व्यंजन 'ख' को मुंह से वायु-प्रवाह से बोला जाता है जबकि उसके मिलते हुए अल्पप्राण व्यंजन 'क' को बहुत कम वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है.
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ज़्यादातर हिद-आर्य भाषाओं में महाप्राण व्यंजनों को वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है, जैसे की महाप्राण व्यंजन 'ख' को मुंह से वायु-प्रवाह से बोला जाता है जबकि उसके मिलते हुए अल्पप्राण व्यंजन 'क' को बहुत कम वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है।
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ज़्यादातर हिद-आर्य भाषाओं में महाप्राण व्यंजनों को वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है, जैसे की महाप्राण व्यंजन 'ख' को मुंह से वायु-प्रवाह से बोला जाता है जबकि उसके मिलते हुए अल्पप्राण व्यंजन 'क' को बहुत कम वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है।
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ज़्यादातर हिद-आर्य भाषाओं में महाप्राण व्यंजनों को वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है, जैसे की महाप्राण व्यंजन 'ख' को मुंह से वायु-प्रवाह से बोला जाता है जबकि उसके मिलते हुए अल्पप्राण व्यंजन 'क' को बहुत कम वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है।
17.
भाषाविज्ञान में महाप्राण व्यंजन वह व्यंजन होतें हैं जिन्हें मुख से वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है, जैसे की 'ख', 'घ', 'झ' और 'फ', और अल्पप्राण व्यंजन वह व्यंजन होतें हैं जिन्हें बहुत कम वायु-प्रवाह से बोला जाता है जैसे की 'क', 'ग', 'ज' और 'प'।
18.
भाषाविज्ञान में महाप्राण व्यंजन वह व्यंजन होतें हैं जिन्हें मुख से वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है, जैसे की 'ख', 'घ', 'झ' और 'फ', और अल्पप्राण व्यंजन वह व्यंजन होतें हैं जिन्हें बहुत कम वायु-प्रवाह से बोला जाता है जैसे की 'क', 'ग', 'ज' और 'प'।
19.
भाषाविज्ञान में महाप्राण व्यंजन वह व्यंजन होतें हैं जिन्हें मुख से वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है, जैसे की 'ख', 'घ', 'झ' और 'फ', और अल्पप्राण व्यंजन वह व्यंजन होतें हैं जिन्हें बहुत कम वायु-प्रवाह से बोला जाता है जैसे की 'क', 'ग', 'ज' और 'प'।
20.
भाषाविज्ञान में महाप्राण व्यंजन वह व्यंजन होतें हैं जिन्हें मुख से वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है, जैसे की 'ख', 'घ', 'झ' और 'फ', और अल्पप्राण व्यंजन वह व्यंजन होतें हैं जिन्हें बहुत कम वायु-प्रवाह से बोला जाता है जैसे की 'क', 'ग', 'ज' और 'प'।