जनाब! चापलूसी का मतलब है बड़े साहब को प्रसन्न करने के लिए उनकी झूठी प्रशंसा करना, गलत ही सही पर उनकी हर बात पर वाह-वाह करना, अपने स्वार्थ को साधने के लिए दूसरों का अहित करने के लिए झूठी बातें बनाना, मन में मक्कारी छुपाकर मुस्कराहट और मीठी तथा ज्ञानपूर्ण बातों का प्रयोग करना।
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श्रृद्धा के अनुरूप जहां एक ओर बजुर्गों के लिये जुलूस की गाड़ियों के आसपास नारा-ए-तकबीर पर अल् लाह-ओ-अकबर की सदायें बुलंद करना या जलसे के दौरान तकरीरों और नातों पर दाद में वाह-वाह करना बेहतरीन शुग् ल रहता है वहीं किशोरों व नौजवानों के लिये मेले में दोस् तों के साथ घूमना या फिर मेले में चटपटे कवाब-पूरी और लजीज हलुआ-पराठा का लुत् फ लेना सबसे अजीज होता है।