तीसरे प्रकार के मानव अधिकार वे अधिकार हैं जो, अंतर्राष्ट्रीय विधि के अनेकों प्रगामी प्रलेखों में यथा व्यक्त मात्रा नागरिक एवं सामाजिक अधिकारों से आगे जाते हैं और इनमंे समूह तथा सामूहिक अधिकार निर्धारण अधिकार, आर्थिक एवं सामाजिक विकास अधिकार, पर्यावरण का अधिकार, प्राकृतिक संसाधन का अधिकार, संसूचना देने का अधिकार तथा संचार अधिकार, सांस्कृतिक विरासत में सहभागिता के अधिकार शामिल हैं।
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स्टाॅकहोम संयुक्त राष्ट्र मानव पर्यावरण सम्मेलन घोषणा (1972), संयुक्त राष्ट्र विकास अधिकार घोषणा (1986) और रिओ पर्यावरण तथा विकास घोषणा (1992) एवं संयुक्त राष्ट्र सहòाब्दि घोषणा (2000) सहित अंतर्राष्ट्रीय विधि 2015 तक नितांत निर्धनता कम करने और एक समयबद्ध आठ लक्ष्य बिंदु श्रृंखला निर्धारित करने के लिए एक नई सार्वभौम सहभागिता के प्रति अपने राष्ट्र की वचनबद्धता प्रदर्शित की है, जो विकास लक्ष्यों के रूप में प्रख्यात हुई है।