फली और उसमें का गूदा पित्तनिवारक, कफनाशक, विरेचक तथा वातनाशक हैं फली के गूदे का आमाशय के ऊपर मृदु प्रभाव ही होता है, इसलिए दुर्बल मनुष्यों तथा गर्भवती स्त्रियों को भी विरेचक औषधि के रूप में यह दिया जा सकता है।
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यदि मल अत्यंत शुष्क, कठोर और कठिनाई के साथ कम मात्रा में आये, पेट का निचला भाग सखत और भारी प्रतीत हो, पेट में धीमा-धीमा दर्द रहने लगे, मल त्याग के लिए बार-बार किसी विरेचक औषधि का सहारा लेना पड़े, मल गांठों के रूप में आये तथा गुदा द्वार से गैस तक निकलने में कठिनाई महसूस हो, तो इसे ' कब्ज ' रोग का लक्षण मानना चाहिए।