लेनिन ने उनके विषय में अपने आलेख-“लेव तोल्स्तॉय रूसी क्रांति के दर्पण में“ में लिखा था, “तोल्स्तॉय के विचारों में विरोधाभास वस्तुत: उन विरोधाभासपूर्ण परिस्थितियों का दर्पण है जिनमें किसान समुदाय को हमारी क्रांति में अपनी ऐतिहासिक भूमिका अदा करनी पड़ी थी।”
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लेनिन ने उनके विषय में अपने आलेख-‘‘ लेव तोल्स्तॉय रूसी क्रांति के दर्पण में ” में लिखा था, ‘‘ तोल्स्तॉय के विचारों में विरोधाभास वस्तुत: उन विरोधाभासपूर्ण परिस्थितियों का दर्पण है जिनमें किसान समुदाय को हमारी क्रांति में अपनी ऐतिहासिक भूमिका अदा करनी पड़ी थी।