अंतरसंकेत हस्तक्षेप और प्रतीक को विकृति से बचने के लिए बहुमार्गीय संचरण की क्षतिपूर्ति, समय के प्रसार, चरण विरूपण और आवृति चयनित विवर्णता के लिए समीकरण छानना, एक उपयुक्त फ़िल्टर के जरिए, होता है.
12.
अनाज की फसल के दौरान बीजाणुओं द्वारा अन्य अनाज में सम्मिश्रित हो कर स्मट्स नुकसान पहुँचाते हैं, साथ में पिस कर गुणवत्ता कठिनाइयाँ बढ़ाते हैं एवं क्वथन एवं खाना पकाने के समय विवर्णता का कारण बनते हैं।
13.
तिरोहित जीन के कारण विवर्णता (संपूर्ण शरीर के चमड़े तथा बालों का श्वेत हो जाना), ऐस्टिग्मैटिज्म (एक दिशा की रेखाएँ स्पष्ट दिखाई पड़ना और लंब दिशा की रेखाएँ अस्पष्ट), केराटोकोनस (आँख के डले का शंकुरूप होना), इत्यादि रोग उत्पन्न होते हैं।
14.
तिरोहित जीन के कारण विवर्णता (संपूर्ण शरीर के चमड़े तथा बालों का श्वेत हो जाना), ऐस्टिग्मैटिज्म (एक दिशा की रेखाएँ स्पष्ट दिखाई पड़ना और लंब दिशा की रेखाएँ अस्पष्ट), केराटोकोनस (आँख के डले का शंकुरूप होना), इत्यादि रोग उत्पन्न होते हैं।
15.
जन्म के समय की क्षतियों में बच्चे में रक्त की कमी से विवर्णता (पैलर), जमुआ (तीव्र श्वासरोध, इतना गला घुट जाना कि शरीर नीला पड़ जाए, ब्लू अस्फ़िक्सिया), दुग्ध पीने की शक्ति न रहना अथवा जन्म के बाद आक्षेप (छटपटाने के साथ बेहोशी का दौरा) हैं।
16.
अतिसार होने के साथ में मलद्वार पर दर्द होना, पुर: स्थग्रन्थि में सूजन होना, रुक-रुककर बुखार आना, विवर्णता, पेट में वायु बनने के कारण पेट में सूजन आना आदि लक्षणों को ठीक करने के लिए मर्क्यूरिय डलसिस औषधि का उपयोग करना चाहिए।