जीवन को स्वस्थ-रोगमुक्त, जीवन को गतिशील प्रवहमान, जीवन को विवर्धित पुष्ट समृद्ध बनाना ही तो सर्जना का अंतिम लक्ष्य है, उसकी चरम चाहना है और नवीनतम आधुनिकतम साहित्यिक विधा के रूप में लघुकथाएँ सारे काम बखूबी कर सकती हैं बशर्तें कि लघुकथाकार पहले स्वयं तपने के लिए तैयार हो जाएँ।
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6 दिसंबर को सेवाधाम दिवा केन्द्र इन्दौर में सायं 4 बजे वरिष्ठ नागरिकों को वृद्धावस्था में होने वाले रोगों जैसे हृदय रोग, डायबिटीज, आर्थ्राइटिस, कैंसर, एल्जीमर, पार्किंसन्स रोग, डिप्रेशन, रजोनिवृत्ति जनित रोग, विवर्धित प्रोस्टेट, सेक्स विकार आदि के उपचार में अलसी के चमत्कारी गुणों पर चर्चा हुई।