इस बाबत पूछे जाने पर विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. जेसी भट्ट कहते हैं, समय से बोए जाने वाली गेहूं की फसल को 342 एमएम व जल्दी बोई जाने वाली फसल को 560 एमएम पानी की जरूरत होती है।
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केन्द्र सरकार के बायो टेक्नोलॉजी विभाग से प्रायोजित एक परियोजना के तहत अल्मोड़ा स्थित विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने प्रोटीन और एमिनो एसिड की यह कमी पूरी कर दी है और मार्कर टेक्नोलॉजी से साधारण मक्का में ४० प्रतिशत अधिक एमिनो एसिड वाली मक्का तैयार कर दी है ।