इनसे विसरण गुणांक का आकलन हो सकता है और धुले कणों के विस्तार का निर्धारण किया जा सकता है।
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इनसे विसरण गुणांक का आकलन हो सकता है और धुले कणों के विस्तार का निर्धारण किया जा सकता है।
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यदि किस द्रव के विसरण गुणांक का मान बहुत ऊँचा है, तो ऐसे द्रव को हम क्रिस्टलाभ (Crystalloid) कहते हैं और जिसका विसरण गुणांक का मान कम रहता है, उसे कोलॉइड (Colloid) कहते हैं क्रिस्टलाभ, में अम्ल, लवण और अन्य वस्तुएँ आ जाती हैं, जो क्रिस्टलाभ बनती हैं और कोलॉइड में गोंद, ऐल्ब्युमेन, स्टार्च तथा सरस आते हैं।
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यदि किस द्रव के विसरण गुणांक का मान बहुत ऊँचा है, तो ऐसे द्रव को हम क्रिस्टलाभ (Crystalloid) कहते हैं और जिसका विसरण गुणांक का मान कम रहता है, उसे कोलॉइड (Colloid) कहते हैं क्रिस्टलाभ, में अम्ल, लवण और अन्य वस्तुएँ आ जाती हैं, जो क्रिस्टलाभ बनती हैं और कोलॉइड में गोंद, ऐल्ब्युमेन, स्टार्च तथा सरस आते हैं।