संकलित कुछ गीत पहले से ही पढ़े हुए हैं और विहगावलोकन के समय उनकी स्मृति भी कौंधती रही...मैं सतीश जी के व्यक्तित्व और उनके कृतित्व का पहले से भी फैन रहा हूँ-इसलिए यह पुस्तक मेरे लिए बहुत प्रिय है और मेरे बुक शेल्फ की लम्बी अवधि तक शोभा बढ़ाने वाली है.
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प्रातः भ्रमण पर दृश्यों का विहगावलोकन मुझे सुधा अरोड़ा की इन पंक्तियों को यहाँ उद्धृत करने को उकसा रहा है-” बेहद कलात्मकता, सलीके और आत्मीयता से बनाए गए गांधी हिल, कबीर हिल पर भारत की पूरी सांस्कृतिक-साहित्यिक विरासत ताज़ा हो उठती है और हमें भावुक बनाने के साथ-साथ एक गर्व से भर देती है।