पिछले तीन वर्षों में 23 बार सरकार पैट्रोलियम पदार्थों के मूल्यों मे वृद्धिकर चुकी है उस पर एक नयी वृद्धि की गयी है पर सरकार के नीति नियंता अभी हिसाव ही नही लगा पाए हैं कि घाटा कब समाप्त हो जाएगा।
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वैसे देखा जाए तो पेट्रोल मूल्यवृद्धि को लेकर हंगामा मचा रहे राजनीतिक दल राज्यों में चल रही अपनी पार्टी की सरकारों पर दबाव ड़ाल कर पेट्रोल के दाम में से वैट एवं वृद्धिकर को कम करके आम जनता को थोड़ी राहत तो पहुंचा ही सकते हैं | गोवा में नवनिर्वाचित सरकार वैट में कमी करके राज्य के उपभोक्ताओं को देश में सबसे कम कीमत पर पेट्रोल उपलब्ध करवा रही है | उदाहरण के लिए पेट्रोल में ताज़ा मूल्यवृद्धि के बाद दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत ६ ३. ६ ४ रुपये से बढ़कर ७ ३.