एक समाचार पत्र और इलेक्ट्रानिक मिडिया से जो उड़ती खबर मिली है तदनुसार 9 दिसम्बर 2010 को जारी आदेश में मैसर्स नाड प्रा. लि. को सीधी के 2458 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर आयरन और, मैग्नीज, टाइटेनियम, वेनेडियम एवं निकिल खनिजों की खोज के लिए 4 फरवरी 2009 से 3 फरवरी 2012 तक की अवधि के लिए रिकोनेसेंस परमिट स्वीकृत किया है.
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इस इस्पात की खासियत के बारे में धातुविज्ञानियों ने बताया कि इसमें मैगनीज, कार्बन और सल्फर की मात्रा कम करके निकल की मात्रा बढ़ाई गई तथा नियोबियम, वेनेडियम, मोलिब्डेनम, क्रोमिनयम जैसे तत्व मिलाये गये तथा फिर उसकी प्लेट तैयार करके हीट ट्रीटमेंट किया गया, जिसमें प्लेट को 950 डिग्री सेंटीग्रेड पर रक्ततप्त करके पानी और तेल में ठण्डा किया जाता है और फिर हल्का गर्म करके टैम्परिंग की जाती है.