बचपन में मैने अपनी हिन्दी व्याकरण की पुस्तक में भाषा और शब्द की जो परिभाषा पढ़ी थी, वह मुझे अक्षरशः तो याद नहीं, पर मैने जो समझा था और जो मुझे याद है, उसका भाव कुछ यूँ था कि अपने विचारों और भावनाओं को दूसरे तक स्पष्ट रूप से पहुँचाने के लिए किसी भाषा में सार्थक शब्दों का प्रयोग किया जाता है ।
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जब इस मेले की पड़ताल की गई तो देखा गया कि पुस्तकों के दाम आसमान को छू रहे हैं माध्यमिक कक्षा की हिन्दी व्याकरण की पुस्तक 300 रूपये में मेले में बेची जा रही है वहीं सरल हिन्दी निबंध की पुस्तक और हिन्दी शब्दकोश पुस्तक का मूल्य भी 300-300 रूपये है, इसके अलावा प्रश्र विज्ञान, सुभाषचन्द्र बोस आदि पुस्तकें 250 रूपये में बेची जा रहीं हैं और भारत का हृदय मध्यप्रदेश, विज्ञान परिचय, छत्रपति शिवाजी जैसी पुस्तकों का मूल्य करीब 200 रूपये है।