अतएव विशिष्ट कार्यों के लिए अलग अलग बैंक स्थापित किए जाते हैं जैसे व्यापारिक बैंक, कृषि बैंक, औद्योगिक बैंक, विदेशी विनिमय बैंक तथा बचत बैंक।
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भारत में मिश्रित पूँजी वाले बैंकः व्यापारिक बैंक (झोइन्ट् श्टोच्क् भन्किन्ग् इन् ईन्डिअः छोम्मेर्चिअल् भन्क्स्) मिश्रित पूँजी वाले बैंक भारत की बैंकिंग व्यवस्था का आधार माने जातेहैं.
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अतएव विशिष्ट कार्यों के लिए अलग अलग बैंक स्थापित किए जाते हैं जैसे व्यापारिक बैंक, कृषि बैंक, औद्योगिक बैंक, विदेशी विनिमय बैंक तथा बचत बैंक।
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आरम्भ में भारतीय रिजर्वबैंक एक्ट, १९३४ में जरूरत थी, व्यापारिक बैंक को रिजर्व बैंक के पास कमसे कम नकद सुरक्षित ५% उनकी मांग देन-~ दारियां और २% मियादी देनदारियांरखने की.
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नकद आरक्षण अनुपात (सी ० आर ० आर ०)-प्रत्येक व्यापारिक बैंक अपनी कुछ जमाओं का एक निर्धारित प्रतिशत भाग अपने पास हमेशा नकद रूप में रखता है, जिसे नकद आरक्षण अनुपात कहते है ।
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विविध सेवाएँ (ंइस्चेल्लनेओउस् शेर्विचेस्) उपर्युक्त कार्यों के अतिरिक्त व्यापारिक बैंक अपने ग्राहकों के लिए कुछअन्य ध्ध्ध् करते हैंः (इ) अधिकांश व्यापारिक बैंक अपने ग्राहकों को लॉकर्स सम्बन्धी सेवाएँ करउनके बहुमूल्य आभूषण एवं आवश्यक पत्रों को अपने पास सुरक्षित रखते ध्ध्ध्.
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विविध सेवाएँ (ंइस्चेल्लनेओउस् शेर्विचेस्) उपर्युक्त कार्यों के अतिरिक्त व्यापारिक बैंक अपने ग्राहकों के लिए कुछअन्य ध्ध्ध् करते हैंः (इ) अधिकांश व्यापारिक बैंक अपने ग्राहकों को लॉकर्स सम्बन्धी सेवाएँ करउनके बहुमूल्य आभूषण एवं आवश्यक पत्रों को अपने पास सुरक्षित रखते ध्ध्ध्.
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इस ढंग केअनुसार एक व्यापारिक बैंक उधार ले सकता है, रिजर्व बैंक से केवल बैंक दरपर अगर यह कम निबल तरलता रखता है तो इसके अनुसार इसकी कुल मांग और मियादीदेनदारियों का और इसको जुर्माना ब्याज दर रिजर्व बैंक को देना पड़ेगा.