| 11. | शठ को शठता से ही सबक दिया है ।
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| 12. | बासठ शठ दल खड़े, अब तिर-शठ भी छलेगा ।
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| 13. | शठ सुधर नहीं सकते एसी बात भी नहीं है।
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| 14. | खल शठ हो या कामी, अथवा पहुँचा हुआ भगत
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| 15. | मैं शठ सुधी हँसन को धाम, मुझ
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| 16. | शठ के साथ शठ का ही व्यवहार करना चाहिये.
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| 17. | शठ के साथ शठ का ही व्यवहार करना चाहिये.
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| 18. | तिह नर पापी शठ पहिचानो ।
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| 19. | शठ उदर का पेट रने हर छलावों में छले हैं।।
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| 20. | सूख हाड़ ले भाग शठ, श् वान निरखि मृगराज।
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