| 11. | शल्यकर्म श्लीपद का एकमात्र उपचार है।
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| 12. | ख, घ, और ङ अवस्था में तुरंत शल्यकर्म करना चाहिए।
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| 13. | बहुत बार इंजेक्शन चिकित्सा और शल्यकर्म दोनों करने पड़ते हैं।
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| 14. | दीर्घस्थायी अवस्था में शल्यकर्म द्वारा गलगुटिकाओं को निकलवा देना चाहिए।
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| 15. | इसकी चिकित्सा शल्यकर्म द्वारा होती है।
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| 16. | साधारण शल्यकर्म गृह, साधारण शल्यक्रिया गृह
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| 17. | शल्यकर्म के क्षेत्र, स्वरूप एवं तत्संबंधी क्रियाओं की नानाविधिरूपता है।
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| 18. | तथा बर्तित रक्तक्षीणता होने पर तथा (4) शल्यकर्म के पहले।
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| 19. | शल्यकर्म के क्षेत्र, स्वरूप एवं तत्संबंधी क्रियाओं की नानाविधिरूपता है।
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| 20. | यह वेदनारहित उभार है तथा शल्यकर्म द्वारा निकाल दिया जाता है।
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