मिसेज गाँधी खुद भी रो रहीं थीं और उसके सिर पर हाथ फैरती हुई कह रहीं थीं, “ चुप रहो बेटी, शान्त रहो. धीरज धरो. खुदा पर भरोसा करो. ”
12.
शान्त रहो कृतवर्मा योद्धा नामधारियों में किसने क्या नहीं किया है अब तक? द्रोण थे बूढ़े निहत्थे पर छोड़ दिया था क्या उनको धृष्टद्युम्न ने? या हमने छोड़ा अभिमन्यु को यद्यपि वह बिलकुल निहत्था था अकेला था सात महारथियों ने...
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राम-[लक्ष्मण से] तुम शान्त रहो, निन्दा करने से पूर्व स्वयं देखें भृगुवर, विद्या में, तप में, धैर्य, क्षमा, निस्पृहता में, कल्याण विश्व का करने को हर पल तत्पर, गुण से ही मानव को पहचाना जाता है.